Saturday, 16 March 2013

आये जो तुम संग आई बहारें


पल पल हम तुमको है निहारें
आये जो  तुम संग आई बहारें
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महकती चांदनी ने चूमा आंगन
बहने लगी सुहानी शीतल पवन
सुरमई शाम का स्नेहिल स्पर्श
थिरकने लगा ये मन भर उमंग
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पल दो पल जो तुम हमसे मिले
वीरान राहों में गुलाब खिल गए
बिखर गई महक  इन हवाओं में
गुनगुनाने लगी बहारें सब ओर
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बजने लगी शहनाई मन में मेरे
नाच उठा झंकृत मेरा तन बदन
लब पर आ गए तराने प्यार भरे
गाने लगी फिजायें संग संग मेरे
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पल पल हम तुमको है निहारें
आये जो  तुम संग आई बहारें


6 comments:

  1. सुंदर भावपूर्ण और अपने दिल की बात कहती हुई रचना
    बधाई

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    1. ज्योति जी आपका हार्दिक आभार ,धन्यवाद

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  2. बहुत सुन्दर श्रृंगार रचना !!

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    1. आपका हार्दिक आभार ,धन्यवाद

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  3. बहुत ही सरस और सुन्दर रचना,आभार

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    1. आपका हार्दिक आभार ,धन्यवाद

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