बीत गए थे
प्यार भरे वो दिन
बेताब दिल
...................
सिंधूरी रात
हसीन सपनों की
इक कसक
.................
घड़ी दो घड़ी
साथ तुम्हारा चाहा
हूँ बेकरार
...............
तलाश रहा
वो चाहत अपनी
राहें पुरानी
................
इस दिल में
बसेरा तुम्हारा है
तुम ही तुम
वाह...!
ReplyDeleteबहुत सार्थक प्रस्तुति!
आभार!
प्रोत्साहन हेतु आपका हार्दिक आभार शास्त्री जी
Deleteप्रेम की गहन अनुभूति
ReplyDeleteवाह बहुत सुंदर रचना
बधाई
प्रोत्साहन हेतु आपका हार्दिक आभार,ज्योति जी
Deleteबहुत सुन्दर हाइकू!
ReplyDeleteप्रोत्साहन हेतु आपका हार्दिक आभार
Deletebahut sundar...
ReplyDeleteप्रोत्साहन हेतु आपका आभार
Deleteकसक भरे हाइकू ..
ReplyDeleteलाजवाब हैं सभी ...
आपका हार्दिक आभार
Deleteबहुत ही लाजबाब हाइकू,आभार.
ReplyDeleteप्रोत्साहन हेतु आपका आभार
Deleteप्रोत्साहन हेतु आपका हार्दिक आभार ,तुषार जी
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