Wednesday 10 July 2013

नभ पर बदरा

सावन आया
नभ पर बदरा
उमंग लाया
.................
चुनरी भीगी
झूले पर सखियाँ
हवाएँ ठंडी
.................
घटाएँ काली
पानी बरसा जाती
बरखा रानी
.................
मयूर नाचे
छा गई हरियाली
पपीहा बोले
..................
जलता दिल
घनघोर घटाएँ
पिया मिलन
...................



No comments:

Post a Comment