Tuesday, 23 July 2013

तुम्हारा चेहरा

तुम्हारा चेहरा

देखा आईना
चेहरा तुम्हारा था
भोली सूरत
....................
न पहचाना
अनजान था वोह
वह अक्स था
.................
था बुत इक
दर्पण में झाँकता
परेशान था
...................
वोह खोया था
अपनी ही धुन में
किसे ढूँढ़ता
.................
साफ़ दिखती
चेहरे की रेखाएं
चिन्तित मुख

रेखा जोशी


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