Tuesday, 9 July 2013

गुज़रा हुआ वक्त


वक्त जो गुज़र जाता है 
छोड़ जाता पीछे कई यादें 
कुछ खट्टी तो कुछ मीठी 
भर आती है आंखे कभी 
याँ लब पे मुस्कान कभी 
पर गुज़रा हुआ वो वक्त 
नीव बन संवारता है जो 
आने वाले जीवन के पल 
भरता है ज़िन्दगी में रंग 
देकर जाता नई सीख हमे 
भुला कर दर्द जो है छिपे 
अतीत के आंचल के तले 
चलती रहे यूँ ही ज़िन्दगी 
होंठों पर  मुस्कान लिये 

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