इंतज़ार
या खुदा मेरी उल्फत को जिंदगी दे दे
गम जुदाई काअब और सहा नही जाता |
तडप तडप के गुजारी है हर घड़ी हर पल ,
मेरी वफा का दिया जल जल के बुझा जाता है |
इंतजार और अभी,और अभी और अभी ,
पैमाना-ए सब्र अब लब से छुटा जाता है |
रात में यह दिल तन्हां डूब जाता है ,
मायूसियों के आलम में दम घुटा जाताहै
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