Tuesday, 23 July 2013

और चाँद छुप गया [बाल कथा ]

और चाँद छुप गया [बाल कथा ]


आज चाँद बहुत खूबसूरत  दिखाई दे रहा था ,उसे देखते ही पिंकी उछलने लगी और राजू को आवाज़ दे कर बुलाने लगी ,''देखो भैया आसमान में चाँद कितना बड़ा और सुंदर दिखाई दे रहा है l ''अपनी छोटी बहन की आवाज़ सुन राजू भी चाँद को देखने लगा ,''अरे मेरी प्यारी बहना ,आज पूर्णिमा है और चन्द्र  ग्रहण भी है ,बस अभी कुछ देर में चाँद पर हमारी धरती की छाया पड़ने वाली है l''पिंकी ने हैरानी से राजू की तरफ देखते हुए पूछा ,''यह चन्द्र ग्रहण क्या होता है भैया ,बताओ न ?''देखो पिंकी तुम आसमान को देखती रहो , बस अभी कुछ समय बाद   हमारी धरती सूरज के गिर्द घूमते घूमते सूरज और चाँद के बीच एक सीधी रेखा में आ जाए गी और तब सूरज की रौशनी धरती के एक हिस्से पर पड़ेगी उसकी परछाई धीरे धीरे पूरे चाँद को ढक लेगी और उसे पूर्ण ग्रहण लग जायेगा ,वैसे अगर धरती की छाया पूरे चाँद को न ढककर उसके कुछ हिस्से को ढके तो उसे खंड चन्द्र ग्रहण कहते है ,लेकिन आज तो धरती की छाया  पूरे चाँद पर पड़ने वाली है l'' ''हाँ भैया देखो चाँद पर धरती की गोलाकार छाया पड़ने लगी है ''पिंकी जोर से चिल्लाई,क्या भैया यह छाया पूरे चाँद को छुपा देगी और फिर पूरा अँधेरा हो जाएगा ,''हाँ मेरी बहना तुम देखती रहो अब चाँद धीरे धीरे धरती की परछाई के कारण छुप रहा है ''पिंकी बहुत घबरा कर बोली ''भैया क्या चाँद छिपने के बाद फिर कभी भी दिखाई नही देगा ?'' ''नही नही पिंकी डरने की कोई बात नही ,बस जैसे ही  धरती और चाँद घूमते हुए एक सीधी  रेखा से हट कर अपना स्थान बदल लेंगे चाँद हमे फिर से दिखाई देने लगेगा l''आसमान की ओर हैरानी से देखते हुए पिंकी और राजू दोनों के सामने ही चाँद धरती की परछाई में छुप गया l

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