Monday, 23 May 2016

किसे अब चाहिये दौलत जहाँ में

हमारे आज अँगना चाँद आया
बहारें प्यार खुशियाँ साथ लाया
...
मिली है ज़िंदगी जब प्यार में अब
हमें तब  प्यार का अंदाज़ भाया
....
खिली बगिया यहाँ आई बहारें
हवा ने भी हमें झूला झुलाया
...
चलो हम  डूब जायें प्यार में अब
मिले जब  आप तो  संसार पाया 
.... 
किसे अब चाहिये दौलत जहाँ में 
हमें तुमसे यहाँ रब ने मिलाया  

रेखा जोशी 

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