शीश अपना
प्रभु तुम्हारे चरणो में
हमने अब रख दिया
प्रेम का प्याला
लब पर अपने
अब धर दिया
पा ली भक्ति असीम
पा ली भक्ति असीम
तुम्हारी अनुपम कृपा से
नहीं चाहिये कुछ और अब
जीवन में हमें
मिल गया सब कुछ हमे
पाया जो प्यार तुम्हारा
नामुमकिन को मुमकिन
अब कर दिया हमने
रेखा जोशी
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