Tuesday, 31 May 2016

नामुमकिन को मुमकिन अब कर दिया हमने



शीश  अपना  
प्रभु  तुम्हारे चरणो में
हमने अब  रख  दिया 
प्रेम का  प्याला  
लब पर अपने 
अब धर  दिया
पा  ली भक्ति असीम    
तुम्हारी अनुपम  कृपा से 
नहीं चाहिये कुछ और अब 
जीवन में  हमें 
मिल गया सब कुछ हमे 
पाया जो प्यार  तुम्हारा 
नामुमकिन को मुमकिन
अब कर दिया हमने

रेखा जोशी 

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