Sunday 12 June 2016

लोक लाज छोड़ कर सभी अब रखे बाहर कदम

घूँघट   के   पीछे   सदा  सदियों   से  रही  नारी
अबला   सदा    पुरुष   से   पीछे    रही   बेचारी
लोक लाज छोड़ कर सभी अब रखे बाहर कदम
साथ साथ अब वह चलती हिम्मत न कभी हारी

रेखा जोशी

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