घूँघट के पीछे सदा सदियों से रही नारी
अबला सदा पुरुष से पीछे रही बेचारी
लोक लाज छोड़ कर सभी अब रखे बाहर कदम
साथ साथ अब वह चलती हिम्मत न कभी हारी
रेखा जोशी
अबला सदा पुरुष से पीछे रही बेचारी
लोक लाज छोड़ कर सभी अब रखे बाहर कदम
साथ साथ अब वह चलती हिम्मत न कभी हारी
रेखा जोशी
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