बदलना जहाँ को हमे भा गया है
उठा लो कलम अब समय आ गया है
....
मची धूम इस ज़िंदगी में हमारी
हमें आज़माना यहाँ आ गया है
...
कभी ज़िंदगी ने दिये दर्द हमको
यहाँ अब सिखाना हमें आ गया है
...
बहुत चोट खाई यहाँ ज़िंदगी में
हमें मुस्कुराना यहाँ आ गया है
.....
गिरे है उठे है कई बार यारो
गिरों को उठाना हमें आ गया है
रेखा जोशी
उठा लो कलम अब समय आ गया है
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मची धूम इस ज़िंदगी में हमारी
हमें आज़माना यहाँ आ गया है
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कभी ज़िंदगी ने दिये दर्द हमको
यहाँ अब सिखाना हमें आ गया है
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बहुत चोट खाई यहाँ ज़िंदगी में
हमें मुस्कुराना यहाँ आ गया है
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गिरे है उठे है कई बार यारो
गिरों को उठाना हमें आ गया है
रेखा जोशी
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