Thursday, 30 June 2016

उठा लो कलम अब समय आ गया है

बदलना जहाँ को हमे भा गया है 
उठा लो कलम अब समय आ गया है
.... 
मची धूम इस ज़िंदगी में हमारी 
हमें  आज़माना यहाँ आ गया है 
... 
कभी ज़िंदगी ने दिये दर्द हमको 
यहाँ  अब सिखाना हमें  आ गया है 
... 
बहुत चोट खाई यहाँ ज़िंदगी में 
हमें  मुस्कुराना यहाँ आ गया है 
..... 
गिरे है उठे है कई बार यारो 
गिरों को उठाना हमें आ गया है 

रेखा जोशी 


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