हाथ जोड़ कर शीश झुकाये कर प्रभु सिमरन धरम करम कर चार दिन की चांदनी जीवन छूट जायेंगे मोह माया के चक्र से फिर कर जाप प्रभु का बन्दे कट जायेगे बंधन
रेखा जोशी
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