Friday, 16 February 2018

खुशी से खिल जायेंगे कमल

फिर  एक  दिन ऐसा आयेगा
खुशियाँ  घर   में बिखरायेगा
,
खुशी से खिल जायेंगे कमल
मेरा     सजन    मुस्कुरायेगा
,
सज जायेगा फिर सारा जहां
फूल उपवन खिलखिलायेगा
,
अब रोको न तुम उमंगों को
अंबर    भी   नैन   चुरायेगा
,
कागज़ कश्ती का खेल फिर से
बचपन की  याद दिलायेगा

रेखा जोशी

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