Wednesday, 7 February 2018

है जब तक इस जीवन में सांस

टूटी   नहीं  ज़िन्दगी  से  आस
है जब तक इस जीवन में सांस
तन  से गर  लाचार  हैं  तो क्या
हमें  खुद  अपने पर है  विश्वास

रेखा जोशी

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