बगिया में फूलों को मुस्कुराते देखा
भँवरों को भी गुन गुन गुनगुनाते देखा
,
कुहुक रही कोयलिया यहाँ डार डार
तितली को भी उत्सव मनाते देखा
,
छाई बहार भर लो आंचल में खुशी
मुस्कुराती उमंगों को गाते देखा
,
छिड़े दिल के तार पुकारती बहारें
दिल की धड़कन को खिलखिलाते देखा
,
नाच रही सखियाँ झूम झूम अंगना
मस्ती में झूमते लहराते देखा
रेखा जोशी
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