Wednesday, 7 February 2018

बगिया में फूलों को मुस्कुराते देखा


बगिया  में फूलों को मुस्कुराते  देखा
भँवरों को भी गुन गुन गुनगुनाते देखा
,
कुहुक रही  कोयलिया यहाँ डार डार
तितली  को  भी उत्सव  मनाते  देखा
,
छाई  बहार भर लो आंचल में खुशी
मुस्कुराती   उमंगों   को   गाते  देखा
,
छिड़े   दिल  के  तार  पुकारती बहारें
दिल की धड़कन को खिलखिलाते देखा
,
नाच रही सखियाँ झूम झूम अंगना
मस्ती   में   झूमते   लहराते   देखा

रेखा जोशी

    

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