न कोई शिकवा है न शिकायत है
जिंदगी के तरन्नुम पर चलते है
मिले गम हमे याँ फिर आयें बहारें
हर हाल में सदा खुश रहते है हम
तमन्ना थी कभी छू लें आसमां को
अब संग हवाओं के चलने पर भी
हँसते हुए ऊँचाइयों सा मजा लेते है
रेखा जोशी
जिंदगी के तरन्नुम पर चलते है
मिले गम हमे याँ फिर आयें बहारें
हर हाल में सदा खुश रहते है हम
तमन्ना थी कभी छू लें आसमां को
अब संग हवाओं के चलने पर भी
हँसते हुए ऊँचाइयों सा मजा लेते है
रेखा जोशी
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