रख हथेली पर अपनी जान शीश कटाने को तैयार है
अपने वतन की खातिर वह मर मिटने को तैयार है
अपने माँ बाप बीवी बच्चों से कोसों दूर सरहद पर
दिल और जान से मान तिरंगे का रखने को तैयार है
रेखा जोशी
अपने वतन की खातिर वह मर मिटने को तैयार है
अपने माँ बाप बीवी बच्चों से कोसों दूर सरहद पर
दिल और जान से मान तिरंगे का रखने को तैयार है
रेखा जोशी
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