जागो भारत के वीर सपूतो
है डूब रहा यह देश हमारा
……………………
है लूट रहे इसे तेरे कई भाई
खनकते पैसों से ये पगलाये
है भर रहे सब अपना ही घर
तार तार कर माँ का आंचल
………………………
धधकती लालच की ज्वाला
पर पनप रहा है भ्रष्टाचार
माँ के कपूत ही नोच खा रहे
जकड़ के अनेक घोटालों में
……………………….
याद करो अमर शहीदों को
मर मिटे भारत की खातिर
दो बूंद आँखों में भर कर
मुक्त करो माँ को गद्दारों से
……………………….
जागो भारत के वीर सपूतो
है डूब रहा यह देश हमारा
रेखा जोशी
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है लूट रहे इसे तेरे कई भाई
खनकते पैसों से ये पगलाये
है भर रहे सब अपना ही घर
तार तार कर माँ का आंचल
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धधकती लालच की ज्वाला
पर पनप रहा है भ्रष्टाचार
माँ के कपूत ही नोच खा रहे
जकड़ के अनेक घोटालों में
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याद करो अमर शहीदों को
मर मिटे भारत की खातिर
दो बूंद आँखों में भर कर
मुक्त करो माँ को गद्दारों से
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जागो भारत के वीर सपूतो
है डूब रहा यह देश हमारा
रेखा जोशी
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