भीतर मन में बेचैनी है, बाहर बड़े झमेले हैं
सुलग रहा दीवाना दिल है ,जगत में लगे मेले हैं
बरसते किसी पर पैसे है , रो रहा कहीं पे फकीर
दुनिया तो यह रंग बिरंगी है, सब कर्मो के खेले है
बरसते किसी पर पैसे है , रो रहा कहीं पे फकीर
दुनिया तो यह रंग बिरंगी है, सब कर्मो के खेले है
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