मुक्तक
किसी के काम जो आये उसे इंसान कहते है
पैगाम ए मुहब्बत फैलाये उसे इंसान कहते है
दुःख और दर्द के मारे बहुत है इस जहान में
आँसू दुखिया के जो पोंछे उसे इंसान कहते है
रेखा जोशी
किसी के काम जो आये उसे इंसान कहते है
पैगाम ए मुहब्बत फैलाये उसे इंसान कहते है
दुःख और दर्द के मारे बहुत है इस जहान में
आँसू दुखिया के जो पोंछे उसे इंसान कहते है
रेखा जोशी
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