Thursday, 22 August 2013

मुक्तक

बन सारथी पार्थ का गीत का पाठ पढ़ाया  था
बन कर राधा के साँवरे प्रेमरस छलकाया था   
श्याम तुम्हारे रंग में रंगी गोकुल की गोपियाँ 
चकाचौंध अर्जुन हुआ जब विराट रूप दिखलाया था 

रेखा जोशी 

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