Saturday, 13 September 2014

हर तरफ बहारों की महफ़िल सी छा जाती है

तुम्हारी  चाहत  मुझ  में ऐसे  समा जाती है
जैसे महक  फूलों  की  ले कर  हवा  आती है
जब भी आते हो तुम नज़रों के सामने सजन
हर तरफ बहारों की महफ़िल सी छा जाती है

रेखा जोशी 

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