तुम्हारी चाहत मुझ में ऐसे समा जाती है
जैसे महक फूलों की ले कर हवा आती है
जब भी आते हो तुम नज़रों के सामने सजन
हर तरफ बहारों की महफ़िल सी छा जाती है
रेखा जोशी
जैसे महक फूलों की ले कर हवा आती है
जब भी आते हो तुम नज़रों के सामने सजन
हर तरफ बहारों की महफ़िल सी छा जाती है
रेखा जोशी
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