बेचैन है यह मन जाने क्यों मेरा ऐसे
यूँ तो किसी से कोई गिला न शिकवा वैसे
न जाने फिर यह कैसी तड़प है आज दिल में
लगता हर पल कहीं कुछ छूट सा रहा जैसे
यूँ तो किसी से कोई गिला न शिकवा वैसे
न जाने फिर यह कैसी तड़प है आज दिल में
लगता हर पल कहीं कुछ छूट सा रहा जैसे
रेखा जोशी
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