ना जाने आज क्या बात हो गई है
शाम से पहले ही रात हो गई है
कब से हमें इंतज़ार था तुम्हारा
ख़्वाबों में अब मुलाकात हो गई है
कहने को तो तुम्हे बहुत कुछ था पर
दिल से दिल की यहाँ बात हो गई है
नयन बिछायें हमने राह में तेरी
थक गई आँखें अब रात हो गई है
चाहत तेरी ऐसे समाई दिल में
ज़िंदगी तो अब एक मात हो गई है
रेखा जोशी
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