Monday, 22 September 2014
है बीत गया पतझड़ अब आया है मधुमास
क्यों बैठे तुम मुरझाये देखा नही जाता
बहुत हो चुका है अब और सहा नही जाता
है बीत गया पतझड़ अब आया है मधुमास
बीती बातों को याद कर जिया नही जाता
रेखा जोशी
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment