Monday, 2 January 2017


बहरे- रमल मुसम्मन महज़ूफ़
अर्कान= फ़ाइलातुन, फ़ाइलातुन, फ़ाइलातुन, फ़ाइलुन
तक़्तीअ= 2122, 2122, 2122, 212 पर.

तोड़ कर वह दिल हमारा मुस्कुरा कर चल दिए
बेबसी पर वह हमारी खिलखिलाकर चल दिए
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रात की तन्हाइयों में चाँद छुप कर खो गया
रौशनी भी  चाँद की  साजन चुराकर चल दिए
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प्यार कर हमको अकेला राह में छोड़ा क्यों
आसमाँ  हमको दिखा कर फिर गिराकर चल दिए 
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दिल हमारे को खिलौना जान कर तोडा सजन
आग सीने में हमारे तुम लगाकर चल दिए
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ज़िन्दगी ने  है दिखाये गम बहुत रेखा हमें
ज़िन्दगी भर के लिए वह तो भुलाकर चल दिए

रेखा जोशी

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