मीत आज ज़िन्दगी हमें रही पुकार है
रूप देख ज़िन्दगी खिली यहां बहार है
पास पास हम रहें मिले ख़ुशी हमें सदा
छोड़ना न हाथ साथ साथ हम चले सदा
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चलो ज़िंदगी का अब कर लें दीदार
जी लें हर लम्हा जीत मिले या हार
आगे आगे हम पीछे चलती मौत
न जाने कब छोड़ कर चल दें संसार
रेखा जोशी
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