याद तेरी सता रही है मुझे
ज़िन्दगी अब बुला रही है मुझे
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चोट खाते रहे यहाँ साजन
पीड़ दिल की जला रही है मुझे
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छिप गये हो कहाँ जहां में तुम
याद फिर आज आ रही है मुझे
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सिलसिला प्यार का न टूटे अब
मौत जीना सिखा रही है मुझे
...
आ मिला कर चलें कदम हम तुम
चाह तेरी लुभा रही है मुझे
रेखा जोशी
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