लहर पर लहर आती रही,
तुम्हारी हसीन यादें लिए।
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साथ होते जो तुम यादों में ,
आज कुछ और बात होती ।
देती रही यह दर्द दिल को ,
तुम आते तो और बात होती।|..................................
कुछ तो बोलो हमदम मेरे,
तुम न जाने कहाँ खो गए ।
चुपके से लिख जाते तुम ,
कोई गजल ख़्वाबों में मेरे ।|
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मचलती लहरों का संगीत ,
समुंद्र की तरंगों पर गीत ।
इन तन्हाइयों में चुपके से ,
चांदनी रात समुंद्र किनारे ।|
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मुस्कराती हुई वह झलक ,
काफी थी दीदारे यार की ।
मेरे महबूब थी क्या खता ,
जो रुसवा हुई चाहतें मेरी ।|
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लहर पर लहर आती रही,
तुम्हारी हसीन यादें लिए।
बहुत ही सुन्दर प्रतुती.
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर सी प्रस्तुति.
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