'
'यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत |
अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम् ॥
परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम् |
धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे '॥
भगवददर्शन
'यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत |
अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम् ॥
परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम् |
धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे '॥
श्री कृष्ण भगवान् ने जिस विराट रूप का दर्शन अर्जुन को करवाया था वही दर्शन पा कर श्रद्धावान पाठक आनंद प्राप्त करें गे [लेखक प्रो महेन्द्र जोशी ]
श्री कृष्ण नमो नम:
[श्री मद भगवदगीता अध्याय 11 का पद्यानुवाद ]
अर्जुन ने कहा
1 अध्यात्म परम गूढ़ कहा मुझ पर कर दया ,
आप के इस वचन पर मोह मेरा मिट गया ।
2 भूतों का लय उदभव है सुना विस्तार से ,
औ माहात्म्य आप का ,कमलाक्ष आप से ।
3 जैसा कहा आपने ,आप हो हे ईश्वर ,
देखना मे चाहता रूप अव्यय ऐश्वर ।
4 यदि समझो हे प्रभु मै देख सकता हूँ उसे ,
योगेश्वर दिखाओ रूप अव्यय वह मुझे ।
श्री भगवान ने कहा [To be continued]
बेहतरीन प्रस्तुति माँ जी अब जरुरत है प्रभु को आना चाहिए.
ReplyDeleteअब जरूरत है प्रभु की ,बिलकुल सही अरुण बेटा,आभार
Deleteबहुत ही सुन्दर अभिव्यक्ति,आभार आदरेया.
ReplyDeleteआभार राजेंद्र जी
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