जिनके लिए हमने दिल औ जान लुटाई .
मिली सिर्फ उनसे हमको है बेवफाई |
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सजदा किया उसका निकला वो हरजाई ,
मुहब्बत के बदले पायी हमने रुसवाई |
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धडकता है दिले नादां सुनते ही शहनाई,
पर तक़दीर से हमने तो मात ही खाई |
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न भर नयन तू आग तो दिल ने है लगाई ,
धोखा औ फरेब फितरत में, दुहाई है दुहाई,|
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छोड़ गए क्यूँ तन्हां दे कर लम्बी जुदाई,
जी लेंगे बिन तेरे ,काट लेंगे सूनी तन्हाई |
बेहतरीन गज़ल,आभार है आपका.
ReplyDeletedhnyvaad Rajendra ji ,ABHAR
ReplyDeleteआपकी पोस्ट की चर्चा 17- 02- 2013 के चर्चा मंच पर प्रस्तुत की गई है कृपया पधारें ।
ReplyDeletethanks Arun beta
ReplyDeleteबेहतरीन गज़ल
ReplyDeleteMadhu ji meri site pr aane aur gazal pasand karne ke liye apka hardik abhar,dhnyvaad
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