Friday, 15 February 2013

बेवफाई |


जिनके लिए हमने दिल औ जान लुटाई .
मिली  सिर्फ  उनसे हमको है  बेवफाई |
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सजदा किया उसका निकला वो हरजाई ,
मुहब्बत के बदले पायी  हमने रुसवाई |
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धडकता है दिले नादां सुनते ही शहनाई,
पर तक़दीर से हमने तो  मात  ही खाई |
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न भर नयन तू आग तो दिल ने है लगाई ,
धोखा औ फरेब फितरत में, दुहाई है दुहाई,|
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छोड़ गए क्यूँ तन्हां दे कर लम्बी जुदाई,
जी लेंगे बिन तेरे ,काट लेंगे सूनी तन्हाई |

6 comments:

  1. बेहतरीन गज़ल,आभार है आपका.

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  2. आपकी पोस्ट की चर्चा 17- 02- 2013 के चर्चा मंच पर प्रस्तुत की गई है कृपया पधारें ।

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  3. बेहतरीन गज़ल

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  4. Madhu ji meri site pr aane aur gazal pasand karne ke liye apka hardik abhar,dhnyvaad

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