ओ उड़ने वाले पंछी सुन बोल तेरा क्या नाम रे
सुन्दर से पँख बिखेरे फुदक रहे सुबह यहाँ शाम रे
...............................................……………
झूमे पवन मिले हिचकोले डाली डाली झूले तुम
मेरी बगिया में आये तुम मन मेरे को भाये तुम
रूप अनुपम तुमने पाया यहां तेरा क्या काम रे
ओ उड़ने वाले ……
................................................. …………
मधुर कंठ तुमने पाया है गीत मधुर तुमने गाया
मधुर रसीले गीत से है संगीत जग में बिखराया
आज़ाद गगन में उड़ने वाले तेरा कहाँ धाम रे
...............................................……………
झूमे पवन मिले हिचकोले डाली डाली झूले तुम
मेरी बगिया में आये तुम मन मेरे को भाये तुम
रूप अनुपम तुमने पाया यहां तेरा क्या काम रे
ओ उड़ने वाले ……
................................................. …………
मधुर कंठ तुमने पाया है गीत मधुर तुमने गाया
मधुर रसीले गीत से है संगीत जग में बिखराया
आज़ाद गगन में उड़ने वाले तेरा कहाँ धाम रे
रेखा जोशी
No comments:
Post a Comment