गीतिका
प्यार में दिल को सदा दिल से मिलानाचाहिए
कुछ नहीं तुम को पिया हमसे छिपाना चाहिए
....
खिलखिलाती धूप में गुल मुस्कुराते बाग़ में
भंवरे को भी यहाँ पर गुनगुनाना चाहिए
.....
रात की रानी खिली अंगना हमारा खिल उठा
आसमान चाँद निकला अब उजाला चाहिए
...
ओस की बूँदें पुकारे आँख आँसू भर यहाँ
रात रोती ही रही अब दिन सुहाना चाहिए
....
काश तुम आओ यहाँ पर तो बहारे फिरखिलें
दिल किसी का तोड़ कर फिर यूँ न जाना चाहिए
रेखा जोशी
प्यार में दिल को सदा दिल से मिलानाचाहिए
कुछ नहीं तुम को पिया हमसे छिपाना चाहिए
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खिलखिलाती धूप में गुल मुस्कुराते बाग़ में
भंवरे को भी यहाँ पर गुनगुनाना चाहिए
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रात की रानी खिली अंगना हमारा खिल उठा
आसमान चाँद निकला अब उजाला चाहिए
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ओस की बूँदें पुकारे आँख आँसू भर यहाँ
रात रोती ही रही अब दिन सुहाना चाहिए
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काश तुम आओ यहाँ पर तो बहारे फिरखिलें
दिल किसी का तोड़ कर फिर यूँ न जाना चाहिए
रेखा जोशी
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