मत बाँधों
पँख परिंदों के
है फितरत उनकी
भरना उड़ान
उड़ने दो उन्हें आसमान में
है गर दम
हौंसलों में तुम्हारे
बाँध लो उन्हें
प्रीत के
कच्चे धागे से
खिचे चले आयेंगे
बरबस
सदा के लिये
रेखा जोशी
पँख परिंदों के
है फितरत उनकी
भरना उड़ान
उड़ने दो उन्हें आसमान में
है गर दम
हौंसलों में तुम्हारे
बाँध लो उन्हें
प्रीत के
कच्चे धागे से
खिचे चले आयेंगे
बरबस
सदा के लिये
रेखा जोशी
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