है हरा भरा
इनका संसार
रंग चुराने फूलो का
है उड़ती यह
डाली डाली
खेल अजब प्रकृति का
लाल पीले बैंजनी नीले
सुन्दर रंगों से अपना
रूप सजाती
है मुग्ध देख इनकी कला
सुन्दर से रंग बिरंगे पंख लिये
कैसे बगिया में
इठलाती इतराती
हूँ छोटी सी तितली
तो क्या हुआ
चित्रकार हूँ मै सबसे महान
रेखा जोशी
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