गीतिका
जब जीवन में मिलते अपने ,यही रिश्ते नाते हैं
प्यार से निभाना यहाँ रिश्ते ,दिल से अपनाते हैं
....
ह्रदय से मानों इन्हे अपना ,रिश्तों में भर दो स्नेह
सुख दुःख में आते काम ,साथ ये निभाते हैं
...
बिखर जाता सब कुछ हमारा , ह्रदय जब टूट जाता
महक मन की तब सूख जाती,गुल जब मुरझाते हैं
.....
अनमोल बहुत हमारे रिश्ते ,मोल नहीं है कोई
खो जायें अगर ज़िंदगी में ,याद बहुत आते हैं
....
कच्चे धागे ने बाँधी डोर,देखो टूट न जाये
टूटे धागे अगर कहीं फिर, दिल को तड़पाते हैं
...
रेखा जोशी
जब जीवन में मिलते अपने ,यही रिश्ते नाते हैं
प्यार से निभाना यहाँ रिश्ते ,दिल से अपनाते हैं
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ह्रदय से मानों इन्हे अपना ,रिश्तों में भर दो स्नेह
सुख दुःख में आते काम ,साथ ये निभाते हैं
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बिखर जाता सब कुछ हमारा , ह्रदय जब टूट जाता
महक मन की तब सूख जाती,गुल जब मुरझाते हैं
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अनमोल बहुत हमारे रिश्ते ,मोल नहीं है कोई
खो जायें अगर ज़िंदगी में ,याद बहुत आते हैं
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कच्चे धागे ने बाँधी डोर,देखो टूट न जाये
टूटे धागे अगर कहीं फिर, दिल को तड़पाते हैं
...
रेखा जोशी
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