है लाडो हमारी सब को नचाती
दुपट्टे से माँ के खुद को सजाती
खेलती कूदती घर अँगना बिटिया
कभी रूठती कभी हम को मनाती
दुपट्टे से माँ के खुद को सजाती
खेलती कूदती घर अँगना बिटिया
कभी रूठती कभी हम को मनाती
आज तेरी हमे जरूरत है
प्यार का यह हसीं महूरत है
क्या पता कल कहाँ रहे हम तुम
ज़िन्दगी आज खूबसूरत है
रेखा जोशी
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