Thursday, 7 July 2016

देना हमारा साथ तुम

मत ज़िंदगी में बहकना 
तुम बंदगी को समझना 
... 
हम थाम लेंगे हाथ को 
तब हाथ तुम भी पकड़ना 
... 
देना हमारा साथ तुम 
तुम साथ फिर मत छोड़ना 
.... 
जीवन ख़ुशी से भर गया  
खिल खिल उठा अब अंगना 
 .... 
खिलने लगे है फूल अब 
उपवन सदा अब  महकना 

रेखा जोशी 










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