हाइकु [बरसात ]
बरसात में
खिलता तन मन
चुनरी भीगे
...
कारे बदरा
आसमान बिजुरी
धड़के जिया
....
गगन छाई
घटायें घनघोर
बरखा आई
....
शीतल हवा
है पड़ गये झूले
सावन आया
....
आजा पिया
बदली आसमान
झूमें जियरा
रेखा जोशी
बरसात में
खिलता तन मन
चुनरी भीगे
...
कारे बदरा
आसमान बिजुरी
धड़के जिया
....
गगन छाई
घटायें घनघोर
बरखा आई
....
शीतल हवा
है पड़ गये झूले
सावन आया
....
आजा पिया
बदली आसमान
झूमें जियरा
रेखा जोशी
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