Wednesday, 6 July 2016

तुम पास हो कर भी दूर हो बहुत दूर मुझसे

बहुत करीब हो
तुम मेरे
फिर भी
बहुत दूर हो
क्यों
नही समझ पा रहे
मेरे अंतस की पीड़ा
क्यों
नही सुन पा रहे
शोर
मेरे दिल में
जो मचल रहे
मचा रहे हलचल
अनकहे जज़बात का
मौन हूँ मै
नही सुन पा रहे
क्यों 
नहीं समझ पा रहे
मेरी आँखों की
भाषा तुम
क्योंकि
तुम पास हो कर भी
दूर हो
बहुत दूर मुझसे

रेखा जोशी

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