Saturday, 30 July 2016

आज जियरा जले क्या करें

दर्द तुम ने दिये क्या करें 
ज़ख्म हम को मिले क्या करें 
... 
खूबसूरत   नज़ारे  यहाँ 
फूल उपवन खिले क्या करें 
... 
ये  बहारे  पुकारे  पिया 
आज जियरा जले क्या करें 
... 
मुस्कुरा कर पुकारो सनम 
यूँ  चले सिलसिले क्या करें 
... 
खत्म शिकवे करें अब सजन 
आज छोडो  गिले क्या करें 

रेखा जोशी 


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