Wednesday, 27 July 2016
श्रम ही हमारी ज़िन्दगी
मिलकर चलते सुबह शाम
चलते रहते सुबह शाम
श्रम ही हमारी ज़िन्दगी
नहीं रुकते सुबह शाम
रेखा जोशी
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