आ गई बहार जो आये हो तुम
चहकने लगी बुलबुल अब दिल की
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फूलों पर भंवरे लगे मंडराने
लगी शर्माने कलियाँ गुलशन की
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तरसती निगाहें तुम्हे देखने को
भूल गये अचानक वो राहें इधर की
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मुद्दते हो चुकी थी देखे हुए उनको
उसी ने खुशियों से मेरी झोली भर दी
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खुशिया ही खुशिया बनी रहे दिल में
महकती रहे बगिया मेरे आंगन की
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आ गई बहार जो आये हो तुम
चहकने लगी बुलबुल अब दिल की
रेखा जोशी
चहकने लगी बुलबुल अब दिल की
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फूलों पर भंवरे लगे मंडराने
लगी शर्माने कलियाँ गुलशन की
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तरसती निगाहें तुम्हे देखने को
भूल गये अचानक वो राहें इधर की
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मुद्दते हो चुकी थी देखे हुए उनको
उसी ने खुशियों से मेरी झोली भर दी
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खुशिया ही खुशिया बनी रहे दिल में
महकती रहे बगिया मेरे आंगन की
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आ गई बहार जो आये हो तुम
चहकने लगी बुलबुल अब दिल की
रेखा जोशी
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