Tuesday, 25 February 2014

गरजत बरसत काले मेघा

रिम झिम रिम झिम 
गरजत बरसत
काले मेघा 

पिया गये  परदेस 
छोड़ अकेला सूना अंगना 
बिन पिया जले जिया 
गरजत बरसत  
काले मेघा 

इक बरसे बदरिया 
दूजे मेरे नैना 
बिजुरी चमके धड़के जिया 
घर आजा सावरियाँ 
गरजत बरसत  
काले मेघा

चारो ओऱ 
जलथल जलथल 
तरसे प्यासे नैना 
पीर न जाने 
मोरे जिया की 
गरजत बरसत  
काले मेघा

रेखा जोशी 

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