Wednesday, 28 January 2015

प्यार में अब सनम हर ख़ुशी मिल गई

गीतिका
मापनी ---2  1 2 2 1 2   2 1 2 2 1  2
पदांत----अगी  मिल  गई
समांत -----अ

प्यार में अब सनम हर ख़ुशी मिल गई
ज़िंदगी  की  कसम  ज़िंदगी  मिल गई

तुम  मिले  छा   गई  अब  बहारें   यहाँ
हसरतों  को  बलम  ज़िंदगी  मिल  गई

मिल गया  है  खुदा  जो मिले तुम हमें
तुम  मिले तो  गज़ब  बंदगी  मिल गई
....
खूबसूरत    नज़ारे    पुकारे    हमे
देख  इन को  अजब  ताज़गी मिल गई

 खो  गये  देख  मासूम  सा चेहरा
प्यार में अब  सजन  सादगी मिल गई

रेखा जोशी 

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