गीतिका
मापनी ---2 1 2 2 1 2 2 1 2 2 1 2
पदांत----अगी मिल गई
समांत -----अ
प्यार में अब सनम हर ख़ुशी मिल गई
ज़िंदगी की कसम ज़िंदगी मिल गई
…
तुम मिले छा गई अब बहारें यहाँ
हसरतों को बलम ज़िंदगी मिल गई
…
मिल गया है खुदा जो मिले तुम हमें
तुम मिले तो गज़ब बंदगी मिल गई
....
खूबसूरत नज़ारे पुकारे हमे
देख इन को अजब ताज़गी मिल गई
…
खो गये देख मासूम सा चेहरा
प्यार में अब सजन सादगी मिल गई
रेखा जोशी
मापनी ---2 1 2 2 1 2 2 1 2 2 1 2
पदांत----अगी मिल गई
समांत -----अ
प्यार में अब सनम हर ख़ुशी मिल गई
ज़िंदगी की कसम ज़िंदगी मिल गई
…
तुम मिले छा गई अब बहारें यहाँ
हसरतों को बलम ज़िंदगी मिल गई
…
मिल गया है खुदा जो मिले तुम हमें
तुम मिले तो गज़ब बंदगी मिल गई
....
खूबसूरत नज़ारे पुकारे हमे
देख इन को अजब ताज़गी मिल गई
…
खो गये देख मासूम सा चेहरा
प्यार में अब सजन सादगी मिल गई
रेखा जोशी
No comments:
Post a Comment