Tuesday, 6 January 2015

छू रही सागर की लहरों को अरुण की रश्मियाँ

सूरज की स्वर्णिम किरणों का आगाज़ हो रहा है
रंग   सिंदूरी  अब   नीला  आसमान  हो  रहा  है
छू  रही  सागर की लहरों को अरुण की रश्मियाँ
सुनहरा आँचल  सागर का दीप्तिमान  हो रहा है

रेखा जोशी


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