Wednesday 14 January 2015

सब कुछ खत्म हुआ है साजन इधर यहाँ पे [ग़ज़ल ]


अब  ढूंढ क्या रहा है  साजन  इधर यहाँ पे 
सब कुछ खत्म हुआ है साजन इधर यहाँ पे 

धोखा मिला हमे तो ऐसा  नसीब से अब 
कुछ भी नही बचा है  साजन इधर यहाँ पे 
… 
तुम प्यार को नही समझे जब सनम कभी भी 
क्यों दी हमे सज़ा है साजन इधर यहाँ पे 
… 
यह ज़िंदगी हुई  अब  बेज़ार बिना तेरे 
पाई न जब वफ़ा है  साजन इधर यहाँ पे 
… 
हमने  गुनाह क्या कर डाला सजन बता दे 
अब क्या हुई  खता है साजन इधर यहाँ पे 

रेखा जोशी 

No comments:

Post a Comment