ढूँढे तुम्हे पागल नैना न पाया करार है
खोये खोये से रहते जियरा बेकरार है
मिलो या न मिलो साजन ज़िंदगी में हमें कभी
भीगी पलकें अपनी जिसमें छिपाया प्यार है
रेखा जोशी
खोये खोये से रहते जियरा बेकरार है
मिलो या न मिलो साजन ज़िंदगी में हमें कभी
भीगी पलकें अपनी जिसमें छिपाया प्यार है
रेखा जोशी
No comments:
Post a Comment