Friday, 22 April 2016

पृथ्वी दिवस पर



पृथ्वी दिवस पर 

प्रकृति का संगीत है पर्यावरण
वनसम्पदा का प्रतीक पर्यावरण 
..
कोयल की कूक,पंछी की चहक,
फूलो की महक,झरनों की छलक 
...
है प्रदूष्ण ने फैलाया है जाल ,
लिपटी धरा उसमें है आज
...
बचाना है धरती का आवरण 
कटे पेड़ों से बिगड़ा आकार 
.....
चहुँ ओर फैला है हाहाकार
टूटें तार ,सूना है पर्यावरण 
...
आओ मिल लगायें नये पेड़ पौधे 
सूनी धरा में खुशियाँ नई बो दे 

रेखा जोशी 


No comments:

Post a Comment