पृथ्वी दिवस पर
प्रकृति का संगीत है पर्यावरण
वनसम्पदा का प्रतीक पर्यावरण
वनसम्पदा का प्रतीक पर्यावरण
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कोयल की कूक,पंछी की चहक,
फूलो की महक,झरनों की छलक
कोयल की कूक,पंछी की चहक,
फूलो की महक,झरनों की छलक
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है प्रदूष्ण ने फैलाया है जाल ,
है प्रदूष्ण ने फैलाया है जाल ,
लिपटी धरा उसमें है आज
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बचाना है धरती का आवरण
कटे पेड़ों से बिगड़ा आकार
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चहुँ ओर फैला है हाहाकार
टूटें तार ,सूना है पर्यावरण
टूटें तार ,सूना है पर्यावरण
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आओ मिल लगायें नये पेड़ पौधे
आओ मिल लगायें नये पेड़ पौधे
सूनी धरा में खुशियाँ नई बो दे
रेखा जोशी
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