Monday, 4 April 2016

सहारे ज़िंदगी के तुम

विजात छन्द
मूल छन्द 

हमारे पास तुम  होते 
तुम्हारे पास हम होते 
रहें फिरसाथ हम तुम 
सहारे ज़िंदगी के तुम  
मुक्तक

हमारे पास तुम  होते 
तुम्हारे पास हम होते 
रहें फिर साथ हम तुम 
सहारे काश तुम  होते 

रेखा जोशी 



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